मै बेचैनियों की कसक ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
अपने हालातों से रश्क़ नही था।
किसी और का दर्द ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मै उदास नही रह पाता था।
कुछ कड़वे वहम ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
शब भी सपाट सी बीत जाती थी।
किसी के जाने का गम ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मलाल नही होता था कुछ छूट जाने का।
कुछ न मिल पाने का सबब ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मेरे मन को छूकर मुझे तन्हा छोड़ जाओ।
किसी से जुदाई के अश्क़ ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
अपने हालातों से रश्क़ नही था।
किसी और का दर्द ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मै उदास नही रह पाता था।
कुछ कड़वे वहम ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
शब भी सपाट सी बीत जाती थी।
किसी के जाने का गम ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मलाल नही होता था कुछ छूट जाने का।
कुछ न मिल पाने का सबब ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
मेरे मन को छूकर मुझे तन्हा छोड़ जाओ।
किसी से जुदाई के अश्क़ ढूंढ रहा था
कुछ लिखने के लिए।
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