इन कोमल कोपलों को देखकर
मन मे प्रश्न उठता है कि-
पतझड़ के बाद
जब नव कोपलें फूटी थीं
तब कौन था उनका प्रथम दृष्टा?
:- जब वृक्षों से पत्ते गिर रहे थे
तब जिसकी दृष्टि में होगा
टूटता हुआ अंतिम पत्ता।
उसी ने किया होगा
प्रथम साक्षात्कार
नव पात का।
- लेकिन ऐसा क्यों?
:- क्योंकि अंतिम बिंदु तक टूटकर
पुनः नव उमंगें पालने वाले कि दृष्टि ही
होती होगी सबसे पवित्र।
- तो इस बात का
नई कोपलों के स्फुटन से
क्या संबंध?
:- संबंध है,
क्योंकि नई कोपलों का फूटना
संसार की सबसे पवित्र
प्रक्रियाओं में से एक है।
- तुम्हारी ये बातें हमेशा की तरह
आधी डब्बा गोल हो जाती हैं
लेकिन सुनकर अच्छा लगता है।
:- कोई बात नही समझने से ज्यादा महत्वपूर्ण है
तुम्हे अच्छा लगना।
"चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते हैं. बंद आँखों की बातो को,अल्हड़ से इरादों को, कोरे कागज पर उतारेंगे अंतर्मन को थामकर,बाते उसकी जानेंगे चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते है"
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
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