बुधवार, 11 मार्च 2015

आशा का गीत

निराश नही हूँ मैं
आज के अँधेरे से कल आने वाली रौशनी
मुझे उत्सास देती है हाँ चल रहा हूँ अभी
कच्ची पगडंडियों पर सहमे कदमो से कल पक्की सड़क पर
दौड़ने की आशा लिए हाँ आज तपती धुप में रह लूँगा कुदरत के आछेप सह लूँगा जियूँगा रौब से
ये एहसास लिये कल एक आशियाना होगा
सिर छुपाने को
हाँ अभी मोहताज हूँ
छोटी छोटी खुशियों का हाँ कल में भी खुशियाँ बाटूंगा नही हैं अभी कोई चाहत शोहरत की शौकत की हाँ कल मैं राहत चाहूँगा
बिन रोक टोक बिन खट पट के
फिरूंगा मन का साज लिए।

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