शनिवार, 14 मार्च 2015

इतिहास कोई खास नहीं आम ही रचता है

जरा हटके ... बात आपके दिल तक पहुंच गयी तो ठीक न पहुंची तो भी बात निकल तो गयी है गौर जरूर फरमाइयेगा
"अधिकतर..कुछ खास या बड़े काम करने वाले को ही याद किया जाता है या फिर महान ना भी हो तो लोगो की नजर में महान होने पर उसको याद किया जाता है ऐसेवाले उदाहरण बहुत है हमारे राजनितिक इतिहास में
पर किसी को खास बनता कौन है आम इंसान ही बनता है हाँ इनको याद करना पड़ता है क्युकी महान लोग दुनिया से चले भी जाते है
पर आम इंसान तो कभी नहीं जाता...वो आज भी वही है कल भी वही था पहले मालिको सामंतो की गुलामी की तो कभी जमींदार का कर्जदार बंधुआ मजदूर बना तो कभी खेतिहर मजदूर तो एक दिहाड़ी मजदूर तो पूंजीवादी/नौकरशाही युग में दिन रात मेहनत कर अपने परिवार के लिए छोटी छोटी खुसिया बटोरने में लगा मद्यवर्गीय आदमी या सर पे बोझ उठाने वाली रेजा अपने घर की संवारती एक गृहणी .
या घर और नौकरी के बीच झूलती एक नौकरीपेशा. ये आम लोग तो कल भी वैसे ही थे आज भी वैसे भी है बस समय बदला चेहरे बदले किरदार तो वही है ये तो इतिहास से कभी गया ही नहीं और ये आम इंसान तो हमेसा रहेगा और इतिहास रचता रहेगा किसी को महान बनाएगा तो किसी को भुला देगा...पर ये तो अनवरत हर समय में जीवन को चुनौती देता रहेगा छोटी छोटी खुसिया बटोरता रहेगा हम आम नहीं हम खास है क्युकी हमारे कारन ही तो कोई खास है "

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