जब पर्दा उठा किरदार से,
कालिख देखने लायक थी।
सच पड़ा था जब रद्दी में,
गर्दिश देखने लायक थी।
बात निकली जब दूर तक,
रंजिश देखने लायक थी।
दूर ही रह गई मंजिल तो,
कालिख देखने लायक थी।
सच पड़ा था जब रद्दी में,
गर्दिश देखने लायक थी।
बात निकली जब दूर तक,
रंजिश देखने लायक थी।
दूर ही रह गई मंजिल तो,
कोशिश देखने लायक थी।
नहीं मिल पाई कामयाबी,
जुर्रत देखने लायक थी।
नहीं मिल पाई कामयाबी,
जुर्रत देखने लायक थी।
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