कुछ सुषुप्त संभावनाएं
सबके भीतर पलतीं रहतीं हैं।
हम अक्सर अंकित करते हैं उनपर;
अतिरिक्त सुषुप्तता।
ये कहकर की तुमसे नही हो पाएगा।
अपितु हम दे सकते हैं उनको;
सकारात्मक उद्दीपन ।
ये कहकर की तुम ये कर सकते हो।
"तुम ये कर सकते हो" 💙
"चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते हैं. बंद आँखों की बातो को,अल्हड़ से इरादों को, कोरे कागज पर उतारेंगे अंतर्मन को थामकर,बाते उसकी जानेंगे चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते है"
तितलियों में थोड़ी और रंगत भर दो। जुगनुओं में थोड़ी और चमक भर दो। फूलों को ज्यादा खुशबुएँ दे दो। हिमानियों को अधिक सुदृढ़ कर दो। जल धाराओं को अ...
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