गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

कविताओं की चालाकियां

उसने लिखी थीं बेलौस कविताएँ 
जब उसे भान नही था,
कविताओं की चालाकियों का।

जब बारीकियां समझीं कविताओं की।
तब कविताओं के माध्यम से 
भ्रम फैलाए और मिथक गढ़े।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"नई नस्लों का जीवन धन्य कर दो"

तितलियों में थोड़ी और रंगत भर दो। जुगनुओं में थोड़ी और चमक भर दो। फूलों को ज्यादा खुशबुएँ दे दो। हिमानियों को अधिक सुदृढ़ कर दो। जल धाराओं को अ...