सोमवार, 20 अगस्त 2018

हसीं बातें

"शहर के किसी बगीचे से,
 गुलाब,गेंदा,रजनीगंधा के पुष्प चुनना।

 गाँव के किसी बाग़ में,
 मयूर,कोयल,पपीहा की बोली सुनना।

कस्बे के बच्चो संग,
लुकाछुपी,बर्फ-पानी,नदी-पहाड़ खेलना।

किराये की पुस्तक में,
ध्रुव,नागराज,चाचा की कहानियां पढना।

सबका एकसाथ बैठकर,
रामायण,महाभारत,शक्तिमान देखना।

दोपहर में घर से भागकर,
नदी,तालाब,बांध में उतरकर नहाना।

आधे स्कूल से भागकर,
कहीं से आम,अमरुद,इमली चुराना।

त्यौहार में सबके आने पर,
सांप-सीढी,लूडो,व्यापार का चलना।

बहुत हसीं है,
कभी भी कहीं भी इन बातों का घटना। "

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