"
कुछ कहानियां बिखरी हुई है जो अधूरी हैं। एक कहानी मेरी है,जो पूरी होने की बाँट जोह रही है।
कुछ पन्नो पर शब्द अधिक उभरे हुए हैं,चमक बिखेर रही है उनमे विस्तृत चटक रंग की स्याही।
हाँ ये वही पन्ने हैं जिनमे सफलताओं को लिखा था। जिनमे वो स्याही बिखरी है जिनसे उपलब्धियों पर हर्षाया था।
कुछ अधजले से पन्ने दिख रहे हैं, वीभत्स सी लाल स्याही से जिनमे शब्द उकेरे हुए हैं। ये वो उपेक्षित पन्ने हैं जिनमे असफलताओं कि फेहरिस्त पड़ी हुई है ,कुछ जगजाहिर कुछ सिमित हैं स्वयं तक।
धुंधली स्याही से परिपूर्ण ,कही-कही से फटे हुए कुछ अधूरे पृष्ठ भी हैं। इनमे कुछ अधूरे सपने,कुछ अनकहे जज्बात लिखे हुए हैं।
यही कहानी का अधुरा हिस्सा है,जो पूरा होना चाहता है। हाँ कोई कहानी शुरू होती है तो पूरी जरुर होती है। ये भी पूरी होगी कभी किसी दिन और दरख्ते भर जाएँगे।"
कुछ कहानियां बिखरी हुई है जो अधूरी हैं। एक कहानी मेरी है,जो पूरी होने की बाँट जोह रही है।
कुछ पन्नो पर शब्द अधिक उभरे हुए हैं,चमक बिखेर रही है उनमे विस्तृत चटक रंग की स्याही।
हाँ ये वही पन्ने हैं जिनमे सफलताओं को लिखा था। जिनमे वो स्याही बिखरी है जिनसे उपलब्धियों पर हर्षाया था।
कुछ अधजले से पन्ने दिख रहे हैं, वीभत्स सी लाल स्याही से जिनमे शब्द उकेरे हुए हैं। ये वो उपेक्षित पन्ने हैं जिनमे असफलताओं कि फेहरिस्त पड़ी हुई है ,कुछ जगजाहिर कुछ सिमित हैं स्वयं तक।
धुंधली स्याही से परिपूर्ण ,कही-कही से फटे हुए कुछ अधूरे पृष्ठ भी हैं। इनमे कुछ अधूरे सपने,कुछ अनकहे जज्बात लिखे हुए हैं।
यही कहानी का अधुरा हिस्सा है,जो पूरा होना चाहता है। हाँ कोई कहानी शुरू होती है तो पूरी जरुर होती है। ये भी पूरी होगी कभी किसी दिन और दरख्ते भर जाएँगे।"
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