"परंपराएं जब कोफ़्त का कारण बनने लगें,
तो उन्हें साइड में रख देना चाहिए। क्योंकि वो हमारी सुविधा के लिए बनी हैं, हम उनके लिए नही। "
तो उन्हें साइड में रख देना चाहिए। क्योंकि वो हमारी सुविधा के लिए बनी हैं, हम उनके लिए नही। "
"चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते हैं. बंद आँखों की बातो को,अल्हड़ से इरादों को, कोरे कागज पर उतारेंगे अंतर्मन को थामकर,बाते उसकी जानेंगे चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते है"
तितलियों में थोड़ी और रंगत भर दो। जुगनुओं में थोड़ी और चमक भर दो। फूलों को ज्यादा खुशबुएँ दे दो। हिमानियों को अधिक सुदृढ़ कर दो। जल धाराओं को अ...
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