"कुछ को मिल गए,
कुछ को मिलने बाकि है,
भावनाएं बहूत सी हैं
कतार में,
बाँट जोह रही शब्दों की।"
"चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते हैं. बंद आँखों की बातो को,अल्हड़ से इरादों को, कोरे कागज पर उतारेंगे अंतर्मन को थामकर,बाते उसकी जानेंगे चल अविनाश अब चलते है मन की उड़ान हम भरते है"
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"नई नस्लों का जीवन धन्य कर दो"
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