गुरुवार, 2 जून 2016

देवता और शैतान

"देवता और शैतान दोनों
अंतर्मन में समाहित हैं|
एक नैतिकता का
पथदृष्टा है,
दूजा अनीति का
सहवृत्ता है।
ऊर्जा दोनों से
प्रचुर है,
साधन दोनों के अपूर्व है।
एक चरित्र का निर्माण है,
दूजा पतन का आगाज है।
चुनाव स्वंय के हाथ है,
के अब हम
सुनीति के साथ है
या अनीति के सम-भाग हैं।"



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