बुधवार, 15 जून 2022

करुणा और निर्ममता

उसके पास निर्ममता का
अंधा उद्गार भी था।
उसके पास करुणा का
सुकोमल स्पंदन भी था।
प्रथमतया उसकी निर्ममता ने
तांडव रचा।
फिर उसकी करुणा ने
मनोरम गीत रचे।
निर्ममता से वो
पाप का भागी बना।
करुणा ने उसे
पुण्य के योग्य बनाया।
जब समय आया
जीवन के अंतिम फल का।
तब करुणा को
प्राथमिकता मिली
और उसे मुक्ति।
इस प्रकार करुणा ने
निर्ममता पर
विजय प्राप्त कर ली।

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