रविवार, 8 मार्च 2020

अंतिम कविता

 
मैं अंतिम कविता तब लिखूंगा!
जब उंगलियों  में लेखनी पकड़ने का 
अंतिम सामर्थ्य  बचा होगा। 

मैं  अंतिम काव्यबन्ध तब बुनूँगा!
जब मस्तिष्क में कल्पना गढ़ने की 
अंतिम क्षमता  बची होगी। 

मेरी अंतिम कविता तब निर्मित होगी!
जब सुख-दुःख ,करुणा -निष्ठुरता,
संयम-क्रोध,प्रेम-घृणा,अलगाव-आकर्षण,
आदि भावों के अस्थि विसर्जन का 
अवसर होगा।
 

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