कभी भीड़ में मुझे देखने के लिए
तुम्हारी नजरें 360 अंश तक घूमने को तत्पर रहेंगी।
तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।
मुझे सिद्ध करने के लिए जब तुम
बाएँ पक्ष से दाएँ पक्ष तक का सफ़र तय करोगी।
तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।
मुझे प्राप्त करने के लिए
जब तुम जोड़-भाग गुणा घटाव आदि करोगी।
तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।
मेरा पता जानने के लिए जब तुम
माध्य,मध्यिका,बहुलक,सहसम्बन्ध आदि से गुजरोगी।
तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।
मेरे लिए जब तुम
बहुत सारी कठिनाइयों के सरलीकरण के लिए तत्पर रहोगी।
तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।