कौन है तू जो मुझमें बसता है,
मेरी भावनाओ को टटोलकर
मेरी भावनाओ को टटोलकर
ना जाने क्या कहता है।
बेरुखी में भी तू
बेरुखी में भी तू
वफ़ा के रंग भरता है।
में कहता हूँ छोड़ दे,
ये वहम का बंधन थोड़ दे।
ना जाने क्यों तू
में कहता हूँ छोड़ दे,
ये वहम का बंधन थोड़ दे।
ना जाने क्यों तू
शांत सा रहता है।
थामे रख तू डोर
थामे रख तू डोर
मुझसे हरपल कहता है।
मैं पर्दा डालता हूँ दिल पे,
तू उठा देता है।
मैं सम्हालता हूँ दिल को
मैं पर्दा डालता हूँ दिल पे,
तू उठा देता है।
मैं सम्हालता हूँ दिल को
तू लूटा देता है।
में रोकता हूँ ये कदम
तू बहका देता है।
में बांधता हूँ भावनाओ को
में बांधता हूँ भावनाओ को
तू जता देता है।
में मिलना चाहता हूँ सागर से
में मिलना चाहता हूँ सागर से
तू राह मोड़ देता है।
में भागता हूँ मंजिल की ओर
में भागता हूँ मंजिल की ओर
तू साथ छोड़ देता है।
तेरा होना मेरी राह की बाधा है ,
पर लगता है तेरा बिना सब आधा है।
हैं मुझमें ही तू मेरा हिस्सा है ,
औरों को क्या कहूँ
तेरा होना मेरी राह की बाधा है ,
पर लगता है तेरा बिना सब आधा है।
हैं मुझमें ही तू मेरा हिस्सा है ,
औरों को क्या कहूँ
ये मर्ज तो खुद का है।
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