पहला पक्ष :रोहन ने अपने 4 दोस्तों के साथ 5 जून को शहर के एक हरे भरे पार्क में एक पौधा लगाया और फोटो खिंचा कर अपने फेसबुक वाल,इंस्टाग्राम और व्हाट्सअप ग्रुप्स में डालकर सभी को पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएँ दीं. और साथ ही साथ एक फोटो पेपर में भी छपवा दी...........सबने बहुत सराहना ही उनके इस कार्य की।
दूसरा पक्ष: सभी मित्र अपनी धुँवा उड़ाने वाली बाइक्स में निकल गए एक तालाब के किनारे बैठ कर दारु और चखने वाली पार्टी की। ..कचड़ा उसी तालाब में फेंका रूम आकर ऊँची आवाज में बूफर में गाना चलाया और एसी में सो गए...
"प्रदर्शित करने और जीवनशैली में उतारने में बहुत फर्क होता है"
हरे भरे पौधों से लदे पार्क में पौधा लगाकर फिर.... धुवाँ उड़ाकर ,एसी चलाकर हवा प्रदूषित की। तालाब में कचड़ा फेकर जल प्रदूषित किया। फिर ऊँची आवाज में म्यूजिक बजाकर ध्वनि प्रदुषण फैलाने के बाद।
आपको इकोफ्रेंडली कहना मूर्खता होगी।