शनिवार, 25 मार्च 2017

मेरा स्व

"तुम मुझे देखते हो नजरो से ,
अलग -अलग,
निष्कर्ष निकालते हो,
अलग- अलग,
बाते करते हो अलग- अलग,
मुझसे कहते भी हो अलग-अलग,
किन्तु मेरा स्व ही मेरी कहता है.
वही चुनता है उन बातो को,
जो मुझे माननी है .
वही गढ़ता है मेरे व्यक्तित्व को.
देता है रौशनी वही मेरे अस्तित्व को.
मेरा स्व ही मुझे बनाता है,
जीवन को जीना सिखाता है.
सबकी बाते बेमानी है,
आत्म जो कहता है वही मैंने मानी है. "

शुक्रवार, 17 मार्च 2017

फिर से

"फिर से बहक जाने को जी चाहता है,
  फिर से तुझमें खो जाने को जी चाहता है,
           हाँ फिर तुमपे मर जाने को जी चाहता है।

 फिर से बेबात मुस्कुराने को,फिर नींद और चैन लुटाने को,
                        हाँ  फिर से इश्क में डूब जाने को जी चाहता है।  
खोकर तेरी शोहबत में,
                          फिर दुनिया भुलाने को जी चाहता है।  
सोचते तेरी बातो को,
                        हर पल बिताने को जी चाहता है. 
हाँ फिर से ख्वाब मचला सा है,
हाँ फिर से कुछ बदला सा है.
                                       हाँ फिर से शुरू हुआ वो सिलसिला,
                                        बीती बातो में जो अधुरा सा है। "

"नई नस्लों का जीवन धन्य कर दो"

तितलियों में थोड़ी और रंगत भर दो। जुगनुओं में थोड़ी और चमक भर दो। फूलों को ज्यादा खुशबुएँ दे दो। हिमानियों को अधिक सुदृढ़ कर दो। जल धाराओं को अ...